प्रीतम बोलो कब आओगे,बालम बोलो कब आओगे॥साजन बोलो कब आओगे……. कब मन वीणा की झंकारों पर,कोई अमर गीत बन छाओगे ॥,प्रीतम बोलो कब आओगे,मोहन बोलो कब आओगे ॥, बिना बोले इस दासी को ,हरि चरनन सो लिपटाओगे॥प्रीतम बोलो कब आओगे…….मोहन बोलो कब आओगे…… यह प्यार भरा दिल रोता है,थर्राते लम्बे साँसों में,अंसुअन के माल पिरोता है,अंधियारी सूनी कुंजो में,रातों भर …
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