राधा रानी झूल रही थी काली खोली मेंझोटा देते श्याम खड़े भगतो की टोली मेंनिराली शान राधा की मधुर मुसकान कान्हा की गूलर ऊपर पेड़ पे रेशम डोरी डाल केराधा रानी झूलती चन्दन पटड़ी डाल केघनश्याम थी प्यारी श्री राधा दुनिया से न्यारी श्री राधेचंदा सा चमकारा लागै सूरत भोली में कान्हा मुरली बजा रहे भगत नाचते तान पेखुद मनमोहन …
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