राम को प्यारी मैं हु श्याम को प्यारी,रूप हु माँ का मैं हु दोलत तुम्हारी,सीने पे फिर क्यों मेरे चलती है कटारी, भूल गये क्या मैंने तुम को दूध दही और माखन दिया हैतुम्हारे नजर के समाने देखो छनी छनी मेरा तन किया है, तुम पर ये अगर विपता आती सच मानो मैं दोडी आती,तोड़ के रसमें सारी,राम को प्यारी …
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