अब तुम बिन को मोरि राखे लाज,मेरे राम गरीब निवाज़ ॥ मैं असहाय अधम अग्यानी, पतितन को सिरताज,पतित उधारन विरदु आपनो, सिद्ध करो महाराज ॥अब तुम बिन . . . जिन जिन ध्याये तिन तिन पाये, अजामील गज व्याध,हमरी बारी जाय छिपे तुम, किन कुंजन में आज ॥अब तुम बिन . . . धीरज दया क्षमा शुचिता दम संयम सच …
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