रिंगस से पैदल चल्या, ले हाथों में निशानलखदातार री नगरी है, खाटू जिण रो नामओ सरकार खाटू नगरी प्यारी लागे म्हारा श्यामम्हारा श्याम जी ओ बाबा श्याम एकादशी मैलो भरे, बारस धोक लगायमन इच्छा पुरी हुवे, खाटू नगरी आयम्हारा श्याम धणी म्हारी नैया, पार लगाओ म्हारा श्यामम्हारा श्याम जी ओ बाबा श्याम कला भवन रे मायने, दर्शन कि है होड़बाबा …
Read More »