ये बस्ती श्याम दीवानों की,यहाँ हार नहीं अरमानों कीसाथी सबके श्याम हैं यहाँ,करते सबके काम हैं यहाँ। -2 कलयुग के राजा का देखो,आंगन ये अलबेला,श्याम दीवानों का लगता है,रोज यहां पर मेला -2ये बस्ती शाम की बस्ती है,यहाँ खुशियां रोज़ बरसती है -2साथी सबके श्याम हैं यहाँ,करते सबके काम हैं यहाँ। मन के धागों से बांधों और,श्याम से नाता जोड़ो,श्याम …
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