जहा नाथ रख लोगे, वही मे रहूँगा ई जीवन समरपिर्त, चरनो मे टुमरे टूमी मेरे सवर्वासा, तुम्ही प्राण प्यारे तूमे छोड़ करना, ई मुजसे ना होगा ना कोई उल्लहाना, ना कोई आरज़ी कार्लो कारलो जो है तेरी मर्ज़ी कहना भी होगातो, तुमि से कहूँगा डायानाथ डैनी, मेरी अवस्था तेरे हाथ है आब मेरी, सारी व्यवास्ता जो भी कहोगे तुम, वही …
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