मोर मुकुट तेरे हाथों में बांसुरीया,देवी देवता सब नर और नारी,जाएं बलिहारी बलिहारी । सांवली सूरत तेरी तिरछी रे नजरिया,मन में है बसी तेरी बांकी छवि,मेरे गिरधारी गिरधारी । सांवली सूरत तेरी तिरछी रे नजरिया,ऐसी अलबेली ऐसी प्यारी,छवि अलबेली श्याम की,श्याम के रंग में रंग दी है काया,लगन लगी तेरे नाम की,राह पकड़ ली हमने कन्हैया ,अब तो तेरे धाम …
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