बस संवरने की चाह मुझको इतनी रहेसांवरे की नज़र में सँवरता रहूंजितनी कृपा की मुझपे मेरे श्याम नेशुक्रिया मैं भी वैसे ही करता रहूं सांवरे की पड़ी जबसे मुझपे नज़रअपने हाथो से जीवन सजाया मेरामेरे इस दिल में जितने भी अरमान थेहर एक सपना हकीकत बनाया मेराएक छोटी से ख्वाहिश यही अब मेरीइनकी चौखट ना छूटे मैं जब तक जियूंजितनी …
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