एक बार की बात है एक बढ़ई था। वह दूर किसी शहर में एक सेठ के यहाँ काम करने गया। एक दिन काम करते-करते उसकी आरी टूट गयी। बिना आरी के वह काम नहीं कर सकता था, और वापस अपने गाँव लौटना भी मुश्किल था, इसलिए वह शहर से सटे एक गाँव पहुंचा। इधर-उधर पूछने पर उसे लोहार का पता …
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अहंकार
एक नगर में एक जुलाहा रहता था। वह स्वाभाव से अत्यंत शांत, नम्र तथा वफादार था।उसे क्रोध तो कभी आता ही नहीं था। एक बार कुछ लड़कों को शरारत सूझी। वे सब उस जुलाहे के पास यह सोचकर पहुँचे कि देखें इसे गुस्सा कैसे नहीं आता ? उन में एक लड़का धनवान माता-पिता का पुत्र था। वहाँ पहुँचकर वह बोला …
Read More »रंगा दे चुनरिया
श्याम पिया मोरे रंग दे चुनरिया (2) ऐसी रंग दे के रंग नही छूटे धोबिया दूए चाहे ये सारी उमारिया (2) लाल ना रंगउ मेी,हरी ना रंगउ अपने ही रंग मे रंग दे चुनरिया (2) बिना रनगाए मई तो घर नही जावोंगी बिना…. रनगाए मई तो घर नही.. जावोंगी बीट ही जाए जाहे, ई सारी उमारिया मीरा के प्रभु गिरिधर …
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