रघुवीर तुम्हारे मन्दिर में मै भजन सुनाने आया हूँ । घनश्याम के चरणों में मै दर्शन करने आया हूँ ॥ टेक ॥ अंतरा भक्ति प्रभु की करता हुं मै गीत प्रभु के गाता हूँ । बेडा पार प्रभु से होता है तो मै गुण प्रभु के ही गाता हूँ ॥ राम नाम की महिमा का मै सत्संग सुनाने आया हूँ …
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