श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल,तुम बिन रह्यो न जाय होबृजराज लडेतोलाडिले बंक चिते मुसकाय के लालसुंदर वदन दिखाय लोचन तल पे मीन ज्यों लालपलछिन कल्प बिहाय हो श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल…….. सप्त स्वर बंधान सों लालमोहन वेणु बजाय सुरत सुहाइ बांधिके नेकमधुरे मधुर स्वर गाय हो श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल…….. रसिक रसीली बोलनी लालगिरि चढि गैयां बुलाय गांग …
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