श्याम के दिल में उतर गई रे राधा की झान्झारियां, राधा राधा पुकारे गिरधारीनजर चुराके निहारे गिरधारीश्याम के जादू चला गई रेराधा की चुनरियाँश्याम के दिल में उतर गई रे रहता खड़ा है पनघट डगर पेराधा झुलाती अपने सिर पेमाखन से मुखड़ा भर गई रेराधा मटकियाँश्याम के दिल में उतर गई रे राधा की चाल पे मोर नाचतेसुन के कोयल …
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