एक बार गुरु नानक देव मुल्तान पहुंचे। वहां पहले ही अनेक संत धर्म प्रचार में लगे हुए थे। एक संत ने अपने शिष्य के हाथ में दूध से भरा हुआ एक कटोरा गुरु नानक देव को भेजा। गुरु नानक देव उठे, बाग से चमेली का एक फूल तोड़ा और दूध पर धीरे से टिका दिया। फिर शिष्य को कहा, जाओ …
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