भज मन राम चरण सुखदाई जिहि चरननसे निकसी सुरसरि संकर जटा समाई । जटासंकरी नाम परयो है, त्रिभुवन तारन आई ॥ जिन चरननकी चरनपादुका भरत रह्यो लव लाई । सोइ चरन केवट धोइ लीने तब हरि नाव चलाई ॥ सोइ चरन संत जन सेवत सदा रहत सुखदाई । सोइ चरन गौतमऋषि-नारी परसि परमपद पाई ॥ दंडकबन प्रभु पावन कीन्हो ऋषियन …
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