सुनी सुनी आँखे भर कर मैया तुझको पुकारे ,ममता का कोई मोल नही रे जगत के पालनहारे मेरे बंसी वाले कृष्ण कन्हाई ढूंढे तुझे ममता मेरी,सुन विनती मेरी देती हु दुहाई ,आखिर में मैं माँ हु तेरी ओ मेरे बंसी वाले भरी माखन से भरी मटकियाँ किस को जाके खिलाऊ,आँचल से झलके है ममता किसपे जाके लुटायेदिल के टुकड़े सुन …
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