मेरी करुण पुकार सुनो हरीमेरी करुण पुकारआन पड़ी मजधार में नैया ,तू ही पार उतारसुनो हरी मेरी करुणपुकार….. शरण पड़े को तुम अपनाते देते प्रेम उपहार,कारण रहित किरपा करते तुम सब के तुम आधार,सुनो हरी मेरी करुणपुकार…… मैं तो साधन दीं हीन हु तुम सब जनन हार,देर है पर अंधेर नही है केहते संत पुकाससुनो हरी मेरी करुणपुकार….. तुम तो …
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