सुनो सखी मोरी प्यारीकर पिया के मिलन की तियारी, दो दिन का पियर ठीकाना,फिर अन्त ससुर घर जाना री,क्या झूठी मोह पसारी, सब मैल उतार बदन से,कर हार सिंगार जतन से री,नख शिख से ले देह सुधारी, तुझसे गुण रूप सबाई,कई पिया के चरण लिपटाई री,मत हो जोवन मतवारी, पिया विन कभी न सुख पावे,क्यों विरथा जनम गमावेरी,ब्रह्मानन्द रहो मत …
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