ज़माने में कहाँ टूटी हुई तस्वीर बनती है । तेरे दरबार में बिगड़ी हुई तकदीर बनती है ॥ तारीफ़ तेरी निकली है दिल से आई है लब पे बन के कवाली, शिर्डी वाले साईं बाबा आया है तेरे दर पे सवाली । लब पे दुआए, आँखों में आंसू, दिल में उमीदें, पर झोली खाली ॥ ओ मेरे साईं देवा, तेरे …
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श्याम बांसुरी बजाये
गजब की बांसुरी बजती है वृन्दावन बसैया की, करूँ तारीफ़ मुरली की या मुरली धर कन्हैया की । जहां न काम चलता तीर और कमानो से, विजय नटवर की होती है वहां मुरली की तानो से ॥ श्याम बांसुरी बजाये री अधर धर के, रूप माधुरी पिलाए यह तो भर भर के । बांसुरी बज के छीने मन का आराम …
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