तन में कान्हा मन में कान्हा मेरे अंग अंग में है कान्हादिल धडके मेरा जब लोग पुकारे कान्हा…… मेरी छोटी सी कुटियाँ तुझसे है मेहल बनीपाके तुझे ये भिखारिन मेहलो की रानी बनीसाथ तेरा हाथ तेरा सिर पे सदा रखना कान्हाकान्हा मेरे कान्हा…. मेरे घर का सुखा सा भोजन तूने इतने प्रेम से खायाबन गया वो भोग छपन हाथ जब …
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