तेरी बंदगी में बीते ये जिन्दगी हमारीअब मैं भटक न जाऊ करना दया मुरारी दुनिया की ठोकरों ने मुझको बड़ा रुलायाकितने ही यत्न करके दरबार तेरा पाया,दरबार का मुझको रखना सदा भिखारी,तेरी बंदगी में बीते ये जिन्दगी हमारी टूटी पड़ी थी नईया कोई न था सहारापतवार आके थामे मिलने लगा किनाराअब है तेरे हवाले जीवन की डोर माहरी,तेरी बंदगी में …
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