तेरी इन मतवारी आँखों मे डले काज़ल के डोरे ,अरे घनश्याममुखड़े पे चंदन की शोभा मन को भा गई मोरे,अरे घनश्याम मोर मुकुट सर में साजे, गाल में तिल प्यारा लागे,आँख में काजल होंठ में लाली भाग मुरलिया के जागे,कानों में कुंडल की शोभा तन मन को झकझोरे,अरे घनश्याम कण्ठ में बैजंती माला कांधे पीताम्बर डाले,चक्र सुदर्शन हाथ मुरलिया पायल …
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