तेरी पनाह में आया मुझे पनाह तो दे,हे साईं अपनी कर्म वाली इक निगाह तो देतेरी पनाह में आया मुझे पनाह तो दे, ना कोई आस ना उम्मीद है दिल उब गयागमो के गेहरे भवर में मैं बाबा डूब गयामैं फिर से जी लू जिन्दगी की एसी चाह को देखतेरी पनाह में आया मुझे पनाह तो दे, बिछड़ रही है …
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