थारी बांकी अदा पर वारूँ प्राण,ओ जी श्याम रंगीला,मिलता रहिज्यो जी,थां की मारे है मीठी मुस्कान,थारा नैणा रसीला खिलता रहिज्यो जी….. मन का थै मन मौजी कान्हा, मनगरा जी राज,कोई दिन तो आवो बाबा म्हारे घरां जी राज,म्हारी छोटी सी अरजी लेल्यो मान,म्हारा छैँल छबीला मिलता रहिज्यो जी…… पडदो थारे स्यु कांइ,राखनो जी राज,था रै स्यु ई तो सांचो भाखणो …
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