तू की जाने सावरिया की दुखड़े हुन्दे नेदिल तड़पे हर वेले मेरे नैन रोंदे ने भरी सभा विच द्रौपती वाजा मारदीजांदी रखलो लाज मेरी श्री कृष्ण पुकारदीतू की……….. भरी सभा विच आके भगवन चीर वदन्दे नेडूबदी नैया द्रौपती दी पार लगानदे नेतू की………. तता खम्बा देखके प्रह्लाद डोलियाहुन नहीं बचदा तू पुतरा हिरनाकुश बोलियातू की………. कीड़ी रूप धारके हरी दरश …
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