बनके मासूम जो घनश्याम मुस्कुराते होतुम्हे मालुम नही कितना सितम ढाते हो सुनो हे राधिका जो तुम न नजर आती होतुम्हे मालुम नही कितना सितम ढाती हो मुझे क्यों संवारे विस्वाश नही होता हैहोके तू साथ मेरे साथ नही होता हैतुम्हे मिलता है क्या जो इतना तुम सताते होतुम्हे मालुम नही कितना सितम ढाते हो बंधा हु राधिका मैं तेरे …
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