तुमने लाखो की बिगड़ी बना दी,श्याम मेरी भी बिगड़ी बना दो| ठोकरे खाई है इस जहां की,एक ठोकर तो तुम भी लगा दो,तुमने लाखो की बिगड़ी बना दी,श्याम मेरी भी बिगड़ी बना दो| जग में हारे का तू है सहारा,दूसरा और कोई नही है,हार कर मैं भी आया हु दर पे,जीत का शरेह मुझे भी दिला दो,तुमने लाखो की बिगड़ी …
Read More »