. सुनू कारगायू कृष्णा कहनाइरीए ब्रज की बालाए सारी, रू रू पुकारती विरहा की मारी देखी…. श्याम को पुकारती ||ब्रज||| दो दिन का वधा करके… सुध बिसलाईरे……||बृंदावँ|| जानता टुकड़ा करके, जीवन मे आई क्यों प्रेम बरी बतिया करके.. मान को लुभाया क्यों ||जेया|| योग की पदाई पतिया… शरमा ना आइरी..||ब्रीन|| आजा भेदर्धी आजा…राधा पुकार थी बावरी सी डोले वाँ मे, …
Read More »Tag Archives: Viraha
अभी अभी रे कन्हैया तेरीयाद आई
तासी माखन चुराया, कीना दिन बीट गये तेनू मधुभन अय्या, कीना दिन बीट गये प्यारे बांसरी सुनाया, कीना दिन बीट गये सुंदर रास रचाया, कीना दिन बीट गये रंग होली रे उड़ाया, कीना दिन बीट गये गीत प्रीत वेल गया, कीना दिन बीट गये उसी राधा नू मनाया, कीना दिन बीट गये आजा पूनियधे चांधा, तुजे दिल डियहाई विरहा की …
Read More »