यह व्रत कार्तिक लगते ही अष्टमी को किया जाता है। जिस वार को दीपावली होती है, अहोई अष्टमी उससे ठीक सात दिन पूर्व उसी वार को पड़ती है। इस व्रत को वह स्त्रियां ही करती हैं जिनकी संतान होती है। बच्चों की मां दिनभर व्रत रखें। सांयकाल दीवार पर अष्ट कोष्ठक की अहोई की पुतली रंग भरकर बनाएं। उस पुतली …
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क्यों मनाते हैं महाशिवरात्रि ?
इस व्रत की दो कथाएं है । एक का सारांश यह है कि एक बार एक धनवान मनुष्य कुसंगवश शिवरात्रि के दिन पूजन करती हुई किसी स्त्री का आभूषण चुरा लेने के अपराध में मार डाला गया, किंतु चोरी की ताक में वह आठ प्रहर भूखा – प्यासा और जागता रहा था, इस कारण स्वत: व्रत हो जाने से …
Read More »द्वादश ज्योतिर्लिंगों के अर्चा विग्रह – श्री सोमनाथ
इस विश्व में जो कुछ भी दृश्य देखा जाता है तथा जिसका वर्णन एवं स्मरण किया जाता है, वह सब भगवान शिव का ही रूप है । करूणासिंधुअपने आराधकों, भक्तों तथा श्रद्धास्पद साधकों और प्राणिमात्र की कल्याण की कामना से उन पर अनुग्रह करते हुए स्थल – स्थल पर अपने विभिन्न स्वरूपों में स्थित हैं । जहां – जहां जब …
Read More »SAKAT CHAUTH
SAKAT CHAUTH VRAT KATHA व्रत कथा –एक बार राक्षसों से भयभीत होकर देवता भगवान शंकर की शरण में गए। उस समय भगवान शिव के पास भगवान कार्तिकेय तथा गणेश भी उपस्थित थे। शिवजी ने दोनों से पूछा – तुममे से कौन देवताओं के कष्ट समाप्त करेगा। तब कार्तिकेय और गणेश दोनो ही जाने की इच्छा प्रकट की। ऐसा जान मुस्कारते …
Read More »रमा एकादशी व्रत Rama Ekadashi
रमा एकादशी व्रत विधि (रामा एकादशी व्रत विधि इन हिन्दी) एकादशी व्रत के नियमों का पालन व्रत के एक दिन पहले यानि दशमी के दिन से ही शुरू हो जाता है। रमा एकादशी के दिन स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत संकल्प करना चाहिए। एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए है। इसके बाद भगवान विष्णु का धूप, …
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