व्याघ्रपाद मुनि के पुत्र का नाम था उपमन्यु । उन्होंने पूर्वजन्म में ही सिद्धि प्राप्त कर ली थी और वर्तमान जन्म में मुनिकुमार होकर प्रकट हुए थे । ये शैशवावस्था से ही अपनी माता के साथ अपने मामा के साथ अपने मामा के घर में रहते थे और दैववश दरिद्र थे । एक दिन उन्होंने अपनी माता से पीने के …
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