यशोदा का नन्द लाला ब्रिज का उजाला हैमेरे लाल से तो सारा जग जिल मिलायेरात ठंडी ठंडी हवा गा के सुलाएभोर गुलाबी पलके झूम के जगाए,यशोदा का नन्द लाला ब्रिज का उजाला है सोते सोते गेहरी नींद में मुना क्यों मुस्काये,पूछो मुझसे मैं जानू इस को क्या सपना आयेयुग युग से ये लाल है अपनाहर पल देखे बस यही सपना, …
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