यशोदा कुबद कनाई करग्यो येफाड़ गयो म्हारी चुंदरी उघाड़ी करगयो ये मे तो मथुरा जा रही थी लेकर माखन मटकीमार्ग मे आडो फिर गयो ये फाड़ गयो म्हारी चुनड़ी,,,,,,, रस्ते रस्ते जाउ मजि ना बोलू ना चालूम्हारी मटकी का टुकड़ा करगयो येफाड़ गयो म्हारी चुंदरी ,,,,,,,,,,,,,,,,,, ग्वालिया को टोलो म्हार जबरन आडो फिरग्योम्हार मुक्का की मचकागयो येफाड़ गयो म्हारी चुंदरी,,,,,,, …
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