यूँ रूठो न कन्हैया ,समझाये यशुदा मैया,समझाये यशुदा मैया ,हाय ,यूँ रूठो न कन्हैया, मिश्री मलाई माखन दही दूध तुमको दूँगी,तुमको लगी नज़र न सारी बलाए लूँगी,आंखों में दूँगी काज़ल, माथे तिलक करूँगी,केशों को में सजा के ,सिर में मुकुट धरूंगी,हाय ,यूँ रूठो न कन्हैया…….. कानों में डालूँ कुंडल, गालों में तिल लगाऊँ,पहना के पग में पायल तुमको सुघर बनाऊँ,आकाश …
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