रघुवीर तुम्हारे मन्दिर में मै भजन सुनाने आया हूँ । घनश्याम के चरणों में मै दर्शन करने आया हूँ ॥ टेक ॥ अंतरा भक्ति प्रभु की करता हुं मै गीत प्रभु के गाता हूँ । बेडा पार प्रभु से होता है तो मै गुण प्रभु के ही गाता हूँ ॥ राम नाम की महिमा का मै सत्संग सुनाने आया हूँ …
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दो शब्द
बहुत समय पहले की बात है , एक प्रसिद्द गुरु अपने मठ में शिक्षा दिया करते थे। पर यहाँ शिक्षा देना का तरीका कुछ अलग था , गुरु का मानना था कि सच्चा ज्ञान मौन रह कर ही आ सकता है; और इसीलिए मठ में मौन रहने का नियम था । लेकिन इस नियम का भी एक अपवाद था , दस साल पूरा होने …
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