कृष्ण गोविन्द गोपाल रटते रहो ले लेंगे खबरियां कभी न कभीप्रेम से नेम से रोज भजते रहो वो करेगे नजरियाँ कभी न कभीकृष्ण गोविन्द गोपाल रटते रहो…. श्याम उसके हुए उनका जो हो गयाश्याम उनको मिले उनमें जो खो गयामीरा की जैसी मस्ती में चलते चलो तोहे मिलेगे सांवरियां कभी न कभीकृष्ण गोविन्द गोपाल रटते रहो…… भावना के है भूखे …
Read More »