इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले,गोविन्द नाम लेकर फिर प्राण तन से निकलेइतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले, श्री गंगा जी का तट हो यमुना का बंसी वट हो,मेरा संवारा निकट हो जब प्राण तन से निकलेइतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले, सिर सोहना मुकट हो मुखड़े पे काली लट हो,यही …
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