दरस दिखादो ना कन्हैया, दरस दिखादो नाकि जन्मों से आस लगी, अब तुम चले आओ नादरस दिखादो ना गिरधारी, दरस दिखादो नाकि जन्मों से आस लगी, अब तुम चले आओ ना…… तुमको ही चाहूँ, तुमको ही पूजूं,और किसी को ना इस दिल में बसाऊं,और किसी को ना इस मन में बसाऊंशरण तिहारी हूँ कन्हैया, शरण तिहारी हूँकि जन्मों से आस …
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