विच्च पहाड़ां गुफा दे अन्दर, मन्दिर एक निराला ए बारो महीने खुलेया रेह्न्दा, ना बुहा ना ताला ए जय माता दी केहन्दे केहन्दे चढ़दे लोग चढाईआं ने इक पासे ने ऊँचे पर्वत दूजे पासे खाईयां ने फिर वी जो दर्शन नु आउँदा, समझो किस्मत वाला ए बारो महीने खुलेया रेह्न्दा… औंदी जांदी संगता दा जित्थे रेला लगया रेह्न्दा ए दिन …
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भागवत भगवान की है आरती
भागवत भगवान की है आरती पापियों को पाप से है तारती ये अमर ग्रन्थ , यह मुक्ति पंथ , है पंचम वेद निराला , नव ज्योति जगाने वाला ! हरि ज्ञान यही , वरदान यही , जग मंगल की है आरती , पापियों को पाप से है तारती ये शांति दीप , पावन पुनीत , पापों को मिटाने वाला , …
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भागवत भगवान की है आरती पापियों को पाप से है तारती ये अमर ग्रन्थ , यह मुक्ति पंथ , है पंचम वेद निराला , नव ज्योति जगाने वाला ! हरि ज्ञान यही , वरदान यही , जग मंगल की है आरती , पापियों को पाप से है तारती ये शांति दीप , पावन पुनीत , पापों को मिटाने वाला , …
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