हांत जोड़ विनती करू, सुंज्यो चिट लगाए, दास आ गयो शरण मे, राखियो म्हारी लाज, धँया ढूंढरो देश है, ख़ातु नगर सुजान, अनुपम च्चवि श्री श्याम की, दर्शन से कल्याण, श्याम श्याम मई रतु, श्याम है जीवन प्राण, श्याम भक्त जाग मेी बड़े, उनको करू प्रणाम, ख़ातु नगर के बीच मे, बनयो आपको धाम, फागुन सुकला मेला भरे, जाई- जाई …
Read More »