सुन ले कृष्ण कन्हियाँ तेरी बंसी के सुर जब बजईया मन नाचे ता ता थाईया, गाऊ जब मैं तेरे भजन हो जाते सब लोक मगनबचे बूढ़े सारे मिल के करते मेरे संग तेरा बंधनकोई झूमे और गाये कोई तालियाँ भ्जाये कोई आंखे बंद करके मन ही मन गुनगुनायेतेरी प्रीत में सुध बुध खो कोई करता नाच नचियाँ,सुन ले कृष्ण कन्हियाँ …
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