अब्राहिम लिंकन बचपन में चाय की दुकान पर नौकरी करते थे। एक दिन एक महिला पाव भर चाय की पत्ती लेने के लिए आई। जल्दी-जल्दी में लिंकन ने उसे एक पाव की जगह आधा पाव चाय पत्ती तौल कर दे दी।
रात्रि को जब लिंकन ने हिसाब किया, तो पता चला कि उस महिला ने पाव भर चाय के पैसे दिए थे, जबकि उन्होंने आधा पाव पत्ती ही तौल कर दी थी। लिंकन उसी समय आधा पाव चाय की पत्ती महिला को देने लिए लालटेन लेकर पैदल चल पड़े।
उस महिला का घर तीन मील दूर था। वहां पहुंचकर लिंकन ने दरवाजा खटखटाया। वह महिला बाहर आई। लिंकन ने कहा क्षमा कीजिए, मैंने गलती से आधा पाव चाय की पत्ती ही तौली थी। बाकी आधा पाव में अभी लेकर आया हूं।
लिंकन की ईमानदारी देखकर महिला की आंखों में आंसू आ गए। उसने आशीर्वाद देते हुए कहा, बेटा तुममें च्चाई है। इसका फल भगवान जरूर देगा। आगे चलकर तेरा नाम होगा। वही, अब्राहिम लिंकन आगे चलकर अमेरिका के राष्ट्रपति बने।
In English
Ebrahim Lincoln used to work at the tea shop in childhood. One day a lady came to take tea tea leaves throughout the day. Lincoln quickly weighed half a cup of tea leaves in place of one bread.
When Lincoln calculated the night, it came to know that the woman had given money for tea in full, while he weighed half a leaf. Lincoln at the same time walks with a lantern to give half-leaf tea leaves to the woman.
The woman’s house was three miles away. On reaching there, Lincoln knocked on the door. The woman came out Lincoln said sorry, sorry, I accidentally weave the half-cup tea leaves. I have brought the rest in the half-a-half of the bread.
Seeing the integrity of Lincoln, the woman’s tears came in her eyes. He blessed and said, ‘Son is your uncle. God will definitely give its fruit. It will be your name in the future. The same, Abraham Lincoln later became the President of the United States.