तेरी मुरली की धुन प्यारी श्याम वे
हो मेरे सांवरे, हो मेरे सांवरे
मुरली की कान्हा तू तो छेड़े ऐसी तान रे
जब जब सुनु कान्हा जाए मेरी जान रे
कृष्णा कृष्णा राधे, कृष्णा कृष्णा
बन्सी की धून कान्हा मुझे तड़पाए
यमुना के तट राधा दौड़ी दौड़ी आए,,,,,,,,,,,,,,
चल राधा मधुवन चाला तारा छाई रात्रि,
झील मिल रास रचाये श्याम मधुवन में,
कोणी जाऊ मधुवन कान्हा सॉट तेरे हाथ में,
बंसी ने भजा दो तो चालु गी मधुवन में,
होठा से लग जावे बांस की बांसुरी,
तृणवन का सुख पाउ जी मधुवन में,
तान तू सुना सखियन ने साथ में लेले ग्वाल्दा,
हिर्दये में वसा राखो गुण गुण सी सखियन ने,
बांसुरी की धुन सुन राधा मुस्काई,
दोनों चल्या रास रचावण ने,