तेरी पनाह में आया मुझे पनाह तो दे,
हे साईं अपनी कर्म वाली इक निगाह तो दे
तेरी पनाह में आया मुझे पनाह तो दे,
ना कोई आस ना उम्मीद है दिल उब गया
गमो के गेहरे भवर में मैं बाबा डूब गया
मैं फिर से जी लू जिन्दगी की एसी चाह को देख
तेरी पनाह में आया मुझे पनाह तो दे,
बिछड़ रही है मुझी से ही मेरी परछाई
तू जान कर भी मेरा हाल चुप है क्यों साईं
भटक गया हु मेरे बाबा नइ राह तो दे
तेरी पनाह में आया मुझे पनाह तो दे,
ये तेरे साथ जो बाँधी है डोर टूटे ना
मेरे लवो से तेरा नाम कभी रूठे न
ये तेरा मेरा जो रिश्ता है तू निभाह तो दे
तेरी पनाह में आया मुझे पनाह तो दे,,,,,,,