एक साधु थे। उनसे शिक्षा लेने के लिए बहुत से स्त्री पुरुष आते थे। साधु उन्हें बड़ी ही उपयोगी बातें बताया करते थे। एक दिन उन्होंने कहा, ‘तुम लोग चार बातें याद रखो तो जीवन का आनंद ले सकते हो।’
लोगों ने पूछा, ‘स्वामी जी, वे चार बातें क्या हैं ?’
स्वामीजी बोले, पहली बातः तुम जहां भी रहो, अपने को आवश्यक बना दो। इतना काम करो कि लोग समझें कि अगर तुम चले गए तो उनका काम रुक जाएगा। कहने का आशय यह है कि तुम किसी पर बोझ मत बनो, बल्कि दूसरों के बोझ को हल्का करो।
दूसरी बातः स्वयं को स्वस्थ रखो। काम करने के लिए शरीर को तंदुरुस्त ऱखना आवश्यक है।
तीसरी बातः आलस्य को अपने पास कभी भी भटकने मत दो। जो आदमी आलस्य करता है। वह निकम्मा हो जाता है।
और आखिर में चौथी बात ये कि, एक-एक पैसे का उपयोग करो। याद रखो, तुम्हें जो पैसा मिला है, ‘वह भगवान का दिया हुआ है, और भगवान की दी हुई चीज का किसी भी तरह से दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।’
In English
There was a monk. Many women men used to get education from them. Sadhu used to tell them very useful things. One day he said, ‘You can remember four things, then enjoy life.’
People asked, ‘What are these four things, Swamiji?’
Swamiji said, first thing: wherever you are, make yourself essential. Do so much so that people understand that if you leave then their work will stop. It is to say that you do not burden anyone, but rather lighten the burden of others.
Secondly: Keep yourself healthy. To work, it is necessary to keep the body fit.
Thirdly: Do not let laziness go wandering at any time. The man who lazily He gets down
And in the end, the fourth thing is that, use a single penny. Remember, the money you have received, ‘It has been given to God, and the thing given by God should not be abused in any way.’