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तीन अजब बातों का गजब चमत्कार

तीन अजब बातों का गजब चमत्कार
तीन अजब बातों का गजब चमत्कार
न्यायप्रिय राजा हरि सिंह बेहद बुद्धिमान था। वह प्रजा के हर सुख-दुख की चिंता अपने परिवार की तरह करता था। लेकिन कुछ दिनों से उसे स्वयं के कार्य से असंतुष्टि हो रही थी। उसने बहुत प्रयत्न किया कि वह अभिमान से दूर रहे पर वह इस समस्या का हल निकालने में असमर्थ था।
एक दिन राजा जब राजगुरु प्रखरबुद्धि के पास गए तो राजगुरू राजा का चेहरा देखते ही उसके मन मे हो रही इस परेशानी को समझ गए। उन्होंने कहा, ‘राजन् यदि तुम मेरी तीन बातों को हर समय याद रखोगे तो जिंदगी में कभी भी असफल नहीं हो सकते।
प्रखरबुद्धि बोले, ‘पहली बात, रात को मजबूत किले में रहना। दूसरी बात, स्वादिष्ट भोजन ग्रहण करना और तीसरी, सदा मुलायम बिस्तर पर सोना।’ गुरु की अजीब बातें सुनकर राजा बोला, ‘गुरु जी, इन बातों को अपनाकर तो मेरे अंदर अभिमान और भी अधिक उत्पन्न होगा।’ इस पर प्रखरबुद्धि मुस्करा कर बोले, ‘तुम मेरी बातों का अर्थ नहीं समझे। मैं तुम्हें समझाता हूं।
पहली बात-सदा अपने गुरु के साथ रहकर चरित्रवान बने रहना। कभी बुरी आदत के आदी मत होना। । दूसरी बात, कभी पेट भरकर मत खाना जो भी मिले उसे प्रेमपूर्वक खाना। खूब स्वादिष्ट लगेगा।
और तीसरी बात, कम से कम सोना। अधिक समय तक जागकर प्रजा की रक्षा करना। जब नींद आने लगे तो राजसी बिस्तर का ध्यान छोड़कर घास, पत्थर, मिट्टी जहां भी जगह मिले वहीं गहरी नींद सो जाना। ऐसे में तुम्हें हर जगह लगेगा कि मुलायम बिस्तर पर हो। बेटा, यदि तुम राजा की जगह त्यागी बनकर अपनी प्रजा का ख्याल रखोगे तो कभी भी अभिमान, धन व राजपाट का मोह तुम्हें नहीं छू पाएगा।’

In English

Justice King Hari Singh was very intelligent. He used to worry about every happiness and misery of the people as his family. But for some days he was getting dissatisfied with his own work. He tried very hard to stay away from pride, but he was unable to solve the problem.
One day when Rajguru went to Pragrabuddhi, when Rajguru saw the face of King, he understood this problem in his mind. They said, ‘Rajan, if you remember my three things all the time, then you can never fail in life.
Prudhabhuti said, ‘First thing, stay in the strong fort at night. Secondly, take a delicious meal and sleep on the third, ever soft bed. ‘ After listening to the strange words of the guru, the king said, ‘Master, by adopting these things, pride and pride will increase in me.’ Smiling on this, he smiled, ‘You do not understand the meaning of my words. I explain to you
The first thing-always be characterized by staying with your master and living character. Never be addicted to bad habit. . Secondly, do not eat whatever you eat, and eat whatever you love. Will look quite delicious
And third thing, at least sleep. Protecting the people awake for more time. When the sleep started, leave the attention of the majestic bed, leaving the place where grass, stones, soil are found, and sleep deeply. In such a situation, you will find everywhere that you are on a soft bed. Son, if you take care of your subjects by becoming a renunciate instead of the king, then you will not be able to feel the pride, wealth and the palate.

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