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सच्चे साथी

एक बार की बात है राधा नाम की एक लड़की अपने पिता के साथ रहती थी। उसकी माँ बचपन में ही गुजर गयी थी। वह अपने घर का काम करती फिर कॉलेज जाती थी। कॉलेज जाते समय वह रोज़ रास्ते में एक जगह पक्षियों को दाना डालती थी।

उसके घर में भी 2 पक्षी थे उनको भी वह रोज़ दाना डालती थी। एक दिन उसको पक्षियों को दाना डालते जमींदार के बेटे ने देख लिया। उसने अपने पिता से जाकर राधा से शादी करने की इच्छा जताई।

जमींदार ने राधा के पिता से बात करके अपने बेटे की शादी राधा से करा दी। राधा अपने साथ घर के पिंजरे के 2 पक्षी भी लेकर ससुराल आ गयी। वह उन पक्षियों को रोज़ दाना डालती थी। राधा की सास को यह बिलकुल भी पसंद नहीं था।

वह उन पक्षियों को परेशान करती थी। वह उनका दाना पानी जमीन में फेंक देती थी। एक दिन राधा की सास ने पक्षियों का पिंजरा ही जमीन पर फेंक दिया। उसे यह करते हुए राधा ने देख लिया।

राधा ने मना किया तो उसकी सास ने राधा को ही डॉट दिया। इन सब बातों से राधा परेशान रहने लगी। एक दिन राधा के पति ने परेशानी का कारण पूछा तो उसने सारी बात बता दी। उसके पति ने राधा को पक्षियों की भलाई के लिए उनको पार्क में छोड़ने की सलाह दी। अपने पति के कहने पर राधा ने उन दोनों पक्षियों को बाकि के पक्षियों के साथ पार्क में ही छोड़ दिया।

वह उनको कभी कभी दाना देने पार्क में जाती थी। अब सभी पार्क के पक्षी राधा के अच्छे मित्र बन गए थे। पक्षी अब राधा के घर पर भी आने लगे। राधा की सास को जब यह पता लगा तो वह गुस्सा हुई। वह राधा को उसके मायके छोड़ने के लिए उसको साथ लेकर गयी।

रास्ते में कुछ चोरों ने राधा की सास के गहने चुराने की कोशिश की। तभी राधा के पक्षियों ने आकर चोरों पर हमला किया। जिससे चोर भाग गए। इसके बाद राधा और उसकी सास घर ही लौट आये।

अब राधा की सास की सोच पक्षियों के प्रति बदल चुकी थी। उसने राधा से कहा की अब हम दोनों चिड़ियाँ को दाना देने चला करेंगे और पहले के दो पक्षियों को घर वापिस लेकर आएंगे। यह बात सुनकर राधा बहुत खुश हुई।

Moral of the story

सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमें जानवरों से अच्छा व्यवहार करना चाहिए।

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