तू की जाने सावरिया की दुखड़े हुन्दे ने
दिल तड़पे हर वेले मेरे नैन रोंदे ने
भरी सभा विच द्रौपती वाजा मारदी
जांदी रखलो लाज मेरी श्री कृष्ण पुकारदी
तू की………..
भरी सभा विच आके भगवन चीर वदन्दे ने
डूबदी नैया द्रौपती दी पार लगानदे ने
तू की……….
तता खम्बा देखके प्रह्लाद डोलिया
हुन नहीं बचदा तू पुतरा हिरनाकुश बोलिया
तू की……….
कीड़ी रूप धारके हरी दरश दिखांदे ने
हिरनाकुश नु मार के प्रह्लाद बचांदे ने
तू की……….
मेरे अंदर अंदर कोण माता यशोदा बोले,
मोहन ता मेरा हारावाला,
हो नागावाला कोण माता यशोदा बोले,
मेरे……..
मोहन ता मेरा मुक्तवाला,
हो गंगावाला कोण माता यशोदा बोले,
मेरे……..
मोहन ता मेरा मुरलीवाला,
हो डुमरूवाला कोण माता यशोदा बोले,
मेरे…….
मोहन ता मेरा राधा वाला,
हो गौरा वाला कोण माता यशोदा बोले,
मेरे……