तू तो दई जा दही को दान
गुजरिया बरसाने की…..
तुन निर्मल दही बणायो
थोड़ो हमख नही चखायो
थारी मटकी देऊंगा फोड़
गुजरिया बरसाने की
तू तो दई जा दही को दान
गुजरिया बरसाने की…..
तुम बड़ के पत्ते लाओ
तुम्हे निर्मल दही चखाए
हम बड़ के पत्ते लाए
गुजरिया का पता न पाए
अरे वो धोखो दे गई आज
गुजरिया बरसाने की….
तू तो दई जा दही को दान
गुजरिया बरसाने की…….