रोमन सम्राट जूलियस सीजर की गिनती दुनिया के श्रेष्ठ योद्धाओं में की जाती है। वह स्वयं को वीनस देवी का वंशज मानते थे। सीजर भी अपने पूर्वजों की राह पर चलते हुए एक तानाशाह बन गया। उसने अपने जीवन में अनेक युद्ध लड़े।
उसके दोस्तों की संख्या भी अच्छी-खासी थी और दुश्मन भी अनेक थे, जो तरह-तरह से उसके खिलाफ साजिश रचते रहते थे। लेकिन सीजर इन सब चीजों की परवाह नहीं करता था।
वह मानता था कि जीवन के हर पल को भरपूर जीने में ही सुख है। इसलिए घोर विपत्ति में भी वह जरा भी परेशान नहीं होता था। उसमें काम करने की एक धुन थी। उसके बारे में मशहूर है कि वह एक बार में तीन काम एक साथ करता था।
एक दिन सीजर अपने कुछ मित्रों के साथ बैठा था कि तभी उसे पत्रों का एक पुलिंदा मिला। वे पत्र उसके किसी विरोधी ने लिखे थे। सीजर ने उन्हें बिना पढ़े ही आग के हवाले कर दिया। यह देखकर उसके एक मित्र ने कहा, ‘आपने पत्र जलाकर अच्छा नहीं किया।’
इनके जरिए हम उनके षड्यंत्रों का पर्दाफाश कर सकते थे। अपने उस हितैषी को परामर्श के लिए धन्यवाद देने के बाद बड़े सधे अंदाज में सीजर ने कहा, ‘मैं क्रोध के प्रति बेहद सतर्क रहता हूं, पर मेरी दृष्टि में उससे भी ज्यादा आवश्यक कदम यह है कि क्रोध के कारण को ही मिटा दिया जा
In English
Roman Emperor Julius Caesar is counted among the best warriors of the world. He considered himself a descendant of Venus. Cesar also became a dictator while walking on the path of his ancestors. He fought many wars in his life.
The number of his friends was also very good and the enemies were many, who used to plot against him in different ways. But Caesar did not care about all these things.
He believed that only every moment of life has happiness in living a lot. Therefore, he did not even bother even in terrible plight. There was a tune of working in it. It is famous about that he used to do three work at once.
One day, Caesar was sitting with some friends that when he found a trunk of letters Those letters were written by any of his opponents. Caesar handed them over to the fire without reading them. Seeing this, one of his friends said, ‘You did not do good by burning the letter.’
Through them we could expose their conspiracies. After giving thanks to his benefactor, Caesar said in a very simple way, “I am very cautious towards anger, but in my view more important step is to erase the cause of anger.” ‘