याद करता हूँ तुमको कन्हया
हम पे करदो क्रपा सान्वरिया……..
तेरे दर्सन का. हूँ मै प्यासा
ना करो देरीबन्शी के बजैया ,याद ……..
तुम हो दया मय क्रपा के हो स्वामी
हम तो है पापी सुनो प्रभु स्वामी
पार कर्दो मेरी प्रभु नैया
आओ आओ, आओ हे कन्हैया . हमपे …
गणिका अजामिल, गीध को तारा
हमको भी तारो स्याम सहारा तुम्हारा
अबना तडपाओ हमको कन्हैया
हम पे करदो क्रपा सान्वरिया.याद करता…,,,,,
अधर से बंसी सरक गई,
जो राधा तेरी पायल छनक गई……
क्यों रोज रोज जमुना किनारे कान्हां मुझे बुलाए,
मुख से ना बोले कन्हैया नैनों से बाण चलाए,
तेरे प्यार में लागे ये राधा बहक गई,
अधर से बंसी सरक गई,
जो राधा तेरी पायल छनक गई………
जब जब आऊँ, जमुना किनारे,
तू छुपके छुपके देखे,
तेरी बिंदिया ले गई निंदिया,
चैन गजरा गया लेके,
तेरी खुशबु में राधा भी महक गई,
अधर से बंसी सरक गई,
जो राधा तेरी पायल छनक गई……….
तेरी मीठी मीठी बातों से मोहन,
दिल में प्यार जगे,
तेरे मुखड़े के आगे राधिका,
वो चाँद भी फ़ीका लगे,
तेरे दिल के बागों में मैं चहक गई,
अधर से बंसी सरक गई,
जो राधा तेरी पायल छनक गई……….
रोम रोम तेरा नाम पुकारे ओ कान्हा कान्हा,
तेरी कसम बिना तेरे राधिके श्याम तेरा आधा,
आग की प्यार गोपाला में लहक गई,
अधर से बंसी सरक गई,
जो राधा तेरी पायल छनक गई……….